हरियाणा

गुरुग्राम निगम ने करोड़ों के (203) अवैध विज्ञापन,बैनर, पोस्टरों को हटाया गया।

सत्य ख़बर,गुरूग्राम, सतीश भारद्वाज:

अवैध विज्ञापनों के खिलाफ नगर निगम गुरूग्राम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को गोल्फ कोर्स रोड़ से 203 अवैध विज्ञापनों को हटाया गया। इनमें 8 पायलोन, 2 वॉलरैप तथा 193 फ्लैग पोस्टर शामिल हैं।

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शनिवार को डीटीपी सुमित मलिक, एटीपी सिद्धार्थ, एई दलीप यादव, जेई सतेन्द्र, अंजुबाला सहित इनफोर्समैंट टीम गोल्फ कोर्स रोड़ पर पहुंची। यहां पर काफी संख्या में पायलोन, वॉलरैप व फ्लैग पोस्ट लगे हुए थे। टीम ने सभी विज्ञापनों को हटाने की कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान डीएलएफ, मर्सिडीज, एक्सिस बैंक, एमजीएफ टोयोटा, मैकडोनाल्ड, बीकानेरवाला व महिन्द्रा सहित कई कंपनियों के विज्ञापनों को हटाया गया। वहीं

नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त ने जारी प्रेस नोट के माध्यम से सभी कंपनियों, बिल्डरों तथा विज्ञापन एजेंसियों से कहा है कि अगर वे नगर निगम गुरूग्राम की सीमा में किसी भी प्रकार के विज्ञापन का प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो नियमानुसार स्वीकृति लें तथा निर्धारित फीस जमा करके अपने विज्ञापनों का प्रदर्शन करें। नगर निगम गुरूग्राम अवैध विज्ञापनों को हटाने के लिए लगातार अभियान चलाएगा।

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बता दें कि अवैध विज्ञापन होर्डिंग यूनिपोल को हटाने की कार्रवाई में बहुत बड़ा महा घोटाला होने की संभावना जताई जा रही है। जिसमें पुरानी मेयर टीम में शामिल रहे कई पार्षद की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ रही है। शहर में आम चर्चा का बाजार गर्म है कि लगातार कई दिनों से नगर निगम क्षेत्र से हट रहे अवैध होर्डिंग की शिकायत प्रदेश के मुखिया के कानों तक भी पहुंच चुकी है वहीं इस बारे में एसीबी व सीआईडी भी कई दफा अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को पहुंचाई थी। मगर राजनीतिक दबाव के कारण उच्च अधिकारी मौन धारण किए हुए थे। जिसमें करीब 400 करोड़ का घोटाला साफ नजर आ रहा है। वहीं शहर की नामी कंपनियों पर भी 300 करोड रुपए बकाया है,जिनका मामला अदालत में भी विचाराधीन बताया गया है। शहर में आम चर्चा है कि अगर सीआईडी सही तरह से तथ्यों के हिसाब से इसमें जांच पड़ताल करें तो कई और नाम उजागर हो सकते हैं। जिन्होंने होर्डिंग माफियाओं से मिली भगत करके अपनी व अपने परिवार की जेबें भरी है। जिसमें सत्ता पक्ष के कई पार्षदों के नाम भी काफी सुर्खियों में रहे हैं। निगम क्षेत्र में लगे होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, विज्ञापनों के बारे में कई समाज सेवक और आरटीआई एक्टिविस्टो ने भी निगम से जानकारी मांग चुके हैं, जिनको भी निगम अधिकारियों ने नजर अंदाज कर ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

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